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Chhattisgarh: घर में इलाज करवाने वाले कोरोना मरीजों के लिए नई गाइडलाइंस, इस शर्त पर होम आइसोलेशन से मिलेगी छुट्टी जानिए

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Chhattisgarh: घर में इलाज करवाने वाले कोरोना मरीजों के लिए नई गाइडलाइंस, इस शर्त पर होम आइसोलेशन से मिलेगी छुट्टी जानिए 

छत्तीसगढ़ में अब कोरोना मरीजों को पॉजिटिव पाए जाने की तारीख से कम से कम सात दिनों में, यदि उन्हें अंतिम तीन दिनों में बुखार नहीं हो, तो होम आइसोलेशन से छुट्टी दी जा सकती है.

Chhattisgarh Corona Guideline: छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है. कोरोना संक्रमित मरीज जिनको 5वें, 6वें और 7वें दिन तक बुखार नहीं आए तो डिस्चार्ज किया जा सकता है. डिस्चार्ज के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ ने इस बारे में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया है.

इस शर्त पर होम आइसोलेशन से मिल सकेगी छुट्टी

सीएमएचओ को भेजे परिपत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले ऐसे मरीज जिनका इलाज और स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग होम आइसोलेशन में की जा रही है, उन्हें पॉजिटिव पाए जाने की तारीख से कम से कम सात दिनों में, यदि उन्हें अंतिम तीन दिनों (पांचवें, छठवें और सातवें दिन) में बुखार नहीं हो, तो होम आइसोलेशन से छुट्टी दी जा सकती है. डिस्चार्ज के पहले कोरोना जांच की जरूरत नहीं है. अपको बता दें की पहले 14 दिनों तक मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाता था.

होम-आइसोलेशन के लिए जरूरी निर्देश

घर में रहकर इलाज लेने वाले मरीजों को घर में अलग हवादार कमरा और अलग शौचालय होना अनिवार्य है. यदि मरीज के घर में अलग कमरा या शौचालय न हो, तो मरीज के लिए कोविड केयर सेंटर में व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को स्वास्थ्य कर्मी के निगरानी में रखा जाएगा, जो मरीज के स्वास्थ्य की प्रतिदिन को जांच करेंगे. ऑक्सीजन लेवल और बुखार की जानकारी देनी होगी है. इसके अलावा मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए उनके घर में एक अटेंडेंट का होना बेहद जरूरी है. यदि मरीज के परिवार का कोई सदस्य बुजुर्ग है, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक हो, घर में कोई गर्भवती हो या फिर किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, अस्थमा, सास की बीमारी, मधुमेह, बीपी, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी आदि से पीड़ित कोई सदस्य हो, तो उन्हें मरीज के ठीक होने तक मरीज से दूर रखें, क्योंकि कोरोना संक्रमण इन वल्नरेबल (को-मॉर्बिड) समूहों के लिए खतरनाक हो सकता है.