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Delhi Corona: दिल्ली में कोरोना से मौतो का आंकड़ा बड़ा इन लोगों के लिए काल बन रही है कोरोना की तीसरी लहर, मरने वालों में इनका आंकड़ा सबसे ज्यादा

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Delhi Corona: दिल्ली में कोरोना से मौतो का आंकड़ा बड़ा इन लोगों के लिए काल बन रही है कोरोना की तीसरी लहर, मरने वालों में इनका आंकड़ा सबसे ज्यादा

संवाददाता अमित कुमार गुप्ता 

दिल्ली सरकार द्वारा रोजाना जारी किये जाने वाले हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक पिछले दो दिनों से लगातार 17 लोगों की मौत कोरोना से हुई हैं. इन आंकड़ों में कई महत्वपूर्ण बात सामने आई है.

Delhi Corona Death: दिल्ली में लगातार कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा रोजाना जारी किये जाने वाले हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक पिछले दो दिनों से लगातार 17 लोगों की मौत कोरोना से हुई हैं. लेकिन इस बीच दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से ये भी साफ हुआ है कि मरने वालों में से ज्यादातर लोग या तो बुजुर्ग थे या फिर को-मॉर्बिडिटी की वजह से लोगों की जानें गई हैं. इस रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि मरने वाले ज्यादातर लोग ICU बेड पर थे और इनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज तक लग चुकी थी.

ज्यादातर को-मॉर्बिडिटी वाले मरीजों की हुई मौत

दिल्ली सरकार के इन आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 5 दिनों में हुई 46 मौत में से 34 मौत का कारण को-मॉर्बिडिटी ही रही यानि वो लोग जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे. ये भी जानकारी मिली है कि को-मॉर्बिडिटी वाले 21 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के बाद कोरोना हुआ था और उसके बाद उनकी मौत हो गई. इसके साथ ही ये जानकारी भी दी गयी है कि जिन 46 मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 32 मरीज ICU बेड पर भर्ती थे. हैरानी की बात ये है कि इन 46 मरीजों में से 11 मरीज ऐसे भी थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी.

जानकारी के मुताबिक 5 जनवरी से 9 जनवरी के बीच जिन 46 मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 25 मरीजों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी जबकि 14 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 41 साल से 60 साल के बीच की थी. इस बीच इनमें से 5 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 21 साल से 40 साल के बीच की थी जबकि एक मरीज की उम्र 16 से 20 की ही थी और एक ऐसा भी मरीज था जिसकी उम्र इन सभी की तुलना में सबसे कम 0 से 15 साल के बीच की ही थी.

अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की इतने दिन बाद हो रही मौत

सरकार के इन आंकड़ों से ये भी साफ हुआ है कि 46 में से 12 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत अस्पताल में एडमिशन वाले दिन ही हो गयी थी, 11 मरीजों की मौत एक दिन के भीतर हुई जबकि 6 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत एडमिशन के दो दिन बाद हुई. इस बीच 14 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत 3 से 7 दिन के भीतर हुई और 3 मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती किये जाने के 1 हफ्ते के बाद हुई.