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Omicron in Delhi: राजधानी में बेकाबू कोरोना के केसेस, DDMA की बैठक आज, बढ़ सकती है सख्ती

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Omicron in Delhi:  राजधानी में बेकाबू कोरोना के केसेस, DDMA की बैठक आज, बढ़ सकती है सख्ती

संवाददाता अमित कुमार गुप्ता 

दिल्ली में कोरोना की स्थिति की समीक्षा और आगे किए जाने वाले प्रयासों पर चर्चा करने के लिए DDMA ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में दिल्ली में सख्ती बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है.

Corona in Delhi: राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति की समीक्षा और आगे किए जाने वाले प्रयासों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई गई है. बैठक में कोरोना के तेज़ी बढ़ते मामलों पर चर्चा करके आगे के लिए कुछ और सख्ती/पाबंदी लगाने पर फैसला हो सकता है. डीडीएमए की पिछली बैठक मंगलवार को हुई थी जिसमें दिल्ली में वीकेंड लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी. बैठक दोपहर 12 बजे वर्चुअली होगी. डीडीएमए के इस बैठक में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए नई पाबंदियां लगाई जा सकती है. दिल्ली में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 23.53 प्रतिशत हो गई है. जिसे देखते हुए डीडीएमए बड़े फैसले ले सकती है. ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान के तहत DDMA द्वारा प्रतिबंध आज और कड़े किए जा सकते हैं. ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस के तहत चार स्तर होते हैं, जिन्हें येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड अलर्ट कहते हैं. फिलहाल दिल्ली में येलो अलर्ट लागू है.

दिल्ली में 24 घंटे में सामने आए थे 22 हजार से अधिक मामले
रविवार को दिल्ली में 22 हज़ार 751 लोग वायरस (Corona Virus) की चपेट में आए, जिसके बाद कोरोना से संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 15 लाख 49 हज़ार 730 तक जा पहुंची. वहीं दिल्ली में कोरोना का इलाज करवा रहे 17 मरीज़ों ने दम तोड़ दिया. इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा अब 25 हज़ार 160 तक जा पहुंचा है. 16 जून के बाद ये मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है, इससे पहले 16 जून को 25 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी.

कल सीएम केजरीवाल ने की थी बैठक
कोरोना से ठीक होकर काम पर लौटे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की कोई मंशा नहीं है. एलजी और वह पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से वो लगातार संपर्क में हैं और केंद्र का पूरा सहयोग दिल्ली सरकार को मिल रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि अस्पतालों में पिछले साल मई में 20 हजार बेड भर गये थे लेकिन अभी डेढ़ हजार के आसपास ही बेड भरे हैं.