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Punjab Election 2022: विधानसभा चुनाव के पहले बेरोजगारी का आंकड़ा आया सामने, जानें-5 साल में कितनी नौकरियां कम हो गईं

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Punjab Election 2022: विधानसभा चुनाव के पहले बेरोजगारी का आंकड़ा आया सामने, जानें-5 साल में कितनी नौकरियां कम हो गईं

Punjab: 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बेरोजगारी का आंकड़ा सामने रखा है. विधानसभा चुनाव के पहले आए इस आंकड़ें से चुनाव में काफी प्रभाव पड़ सकता है.

Punjab Election 2022: सेंटर फॉर मॉनटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) ने 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बेरोजगारी का आंकड़ा सामने रखा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर पिछले 4 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. आंकड़ों के मुताबिक यह बेरोजगारी दर दिसंबर महीने में 7.91 फीसदी की दर्ज की गई है. वहीं बात पंजाब की करें तो यहां भी पिछले 5 साल में नौकरी कम हुई है.

पंजाब में कम हुई है नौकरियां
पंजाब में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के पहले सीएमआईई द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े चुनाव में अपना प्रभाव डाल सकते हैं. पंजाब में बड़ी संख्या में नौकरियों में गिरावट दर्ज की गई है. सीएमआईई के द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार पंजाब में बेराजगारी दर साल 2016 के मुकाबले साल 2021 तक 5.42 प्रतिशत तक गिर गई है. रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में सितंबर-दिसंबर 2016 में 42.28 प्रतिशत लोग कार्यरत थे जो सितंबर-दिसंबर 2021 में कम होकर महज 36.86 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

वहीं इसे कामकाजी उम्र (15 साल या उससे अधिक) के आबादी के अनुसार समझे तो पंजाब में पांच साल पहले 2.33 करोड़ कामकाजी उम्र की आबादी में 98.37 लाख से अधिक लोग कार्यरत थे. वहीं पिछले पांच सालों में कामकाजी उम्र की आबादी लगभग 11 प्रतिशत तक बढ़ी है और यह 2.58 करोड़ तक पहुंच गई है पर कार्यरत लोगों की संख्या बढ़ने की जगह कम हो गई है. दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 दिंसबर तक कुल 2.58 करोड़ कामकाजी आबादी में सिर्फ 95.16 लाख लोग ही कार्यरत हैं जो साल 2016 के मुकाबले 3.21 लाख कम है. पंजाब सरकार और पूरे राज्य के लिए यह बुहत बड़ा चिंता का कारण है.

विपक्षी पार्टियों को मिला निशाना साधने का मौका
चुनावी मौसम में सामने आए इन आंकड़ों से एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों को सरकार पर निशाना साधने का मौका जरूर मिल गया है. वहीं सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए नेता लगातार कोरोना के माहौल में विश्व स्तर पर सामने आई चुनौतियों और समस्याओं का जिक्र कर भारत का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन की बात कर रहे हैं.