समूचे ग्वालियर-चंबल संभाग का चहुमुखी विकास होगा औरअर्थव्यवस्था के लिये मील का पत्थर साबित होगा

ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना ने कहा है कि अटल प्रगति पथ एक्सप्रेस-वे ग्वालियर-चंबल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगा। इस 313 किलोमीटर लम्बाई के एक्सप्रेस-वे के आसपास इंडस्ट्रियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। कमिश्नर सक्सेना सोमवार को मुरैना के चंबल भवन में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के निर्माण से झांसी, उत्तरप्रदेश से राजस्थान का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्यप्रदेश के 3 जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में आवागमन से लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा।
कमिश्नर सक्सेना ने बताया कि लगभग 8 करोड़ रुपये से अधिक इस परियोजना पर व्यय होना संभावित है। 3 हजार 281 हेक्टेयर कुल भूमि का अधिग्रहण मुरैना, भिण्ड और श्योपुर से किया जाना है। इसमें एक हजार 523 हेक्टेयर भूमि शासकीय, 1 हजार 487 हेक्टेयर भूमि निजी रहेगी। 270 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की रहेगी, जिसका अधिग्रहण किया जाना है। इस परियोजना के तहत मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले में 7 मुख्य सेतु, 2 आरओबी, 5 एचटी लाइन का विस्थापन किया जायेगा। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट का राज्य शासन द्वारा पूर्व में ही अनुमोदन किया जा चुका है। इस एक्सप्रेस-वे को भारत माला परियोजना में शामिल करने से समूचे ग्वालियर-चंबल संभाग का चहुमुखी विकास होगा और यह प्रोजेक्ट इस अंचल की अर्थव्यवस्था के लिये मील का पत्थर साबित होगा।