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शाहजहांपुर पहुंचा शहीद सारज सिंह का शव, पैतृक गांव अख्तयारपुर धौकल में होगा अंतिम संस्का

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शाहजहांपुर पहुंचा शहीद सारज सिंह का शव, पैतृक गांव अख्तयारपुर धौकल में होगा अंतिम संस्का

शाहजहांपुर : शहीद सारज सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार शाम सात बजे शाहजहांपुर लाया गया। इस दौरान सेना के जवानों के साथ डीएम व अन्य अफसर भी मौजूद रहे। शहीद सारज सिंह के परिजन भी पहुंच गए । बृहस्पतिवार सुबह पार्थिव शरीर गांव ले जाया जाएगा। जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

सोमवार को कश्मीर में आतंकी हमले में बंडा के गांव अख्तयारपुर धौकल के निवासी सैनिक सारज सिंह शहीद हो गए थे। मंगलवार सुबह उनका पार्थिव शरीर कश्मीर से दिल्ली लाया गया। यहां से फ्लाइट से पार्थिव शरीर बरेली लाया गया। जहां से सेना के वाहन में जवानों के साथ पार्थिव शरीर बरेली से शाम करीब सात बजे शाहजहांपुर लाया गया। यहां आर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री के अस्पताल में पार्थिव शरीर को रखा गया। पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार सुबह पैतृक गांव ले जाया जाएगा जहां पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

इस दौरान डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी, सीएमओ डॉ. ओपी गौतम, कैंट बोर्ड के सदस्य अवधेश दीक्षित और शहीद के परिजन मौजूद रहे। पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार सुबह पैतृक गांव ले जाया जाएगा जहां पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

अवकाश पर आए सैनिक भी पहुंचे सारज सिंह के घर
सारज सिंह के शहीद होने की जानकारी पाकर मंगलवार और बुधवार को अवकाश पर घर आए कई सैनिक पहुंचे और परिवार के लोगों को सांत्वना दी। कहा कि, सारज सिंह ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसकी सेना के तमाम अधिकारियों ने प्रशंसा की है।

सिंधौली के गांव मुड़िया पवार के अंकित सिंह सेना में सिपाही हैं। इन दिनों वह छुट्टी पर घर आए हुए हैं। सारज सिंह के शहीद होने की जानकारी पाकर बुधवार को वह गांव अखत्यारपुर धौकल पहुंचे और शहीद के परिवार के लोगों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश के जांबाज सैनिक सारज सिंह की शहादत का बदला लेने में जुटे हुए हैं और सेना ने घेराबंदी कर सात आतंकियों का सफाया कर दिया है। घटना में शामिल आतंकी जिंदा पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे। सारज सिंह सहित पांचों जवानों की शहादत पर पूरे देश को गर्व है।

अंकित सिंह के साथ कई युवा भी सारज सिंह के घर पहुंचे। ये युवा सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं। युवाओं ने भी सारज सिंह के भाई सुखबीर सिंह और पिता विचित्र सिंह से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। युवाओं ने कहा कि सारज सिंह की शहादत से उनका सेना में भर्ती होने का संकल्प और मजबूत हुआ है। सेना में जाकर देश सेवा करने का मौका मिलना सौभाग्य की बात है।