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योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर मायावती ने साधा निशाना, बताया मतदाताओं को लुभाने की कोशिश

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योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर मायावती ने साधा निशाना, बताया मतदाताओं को लुभाने की कोशिश

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट में नए मंत्रियों को शामिल किए जाने पर कटाक्ष किया। मायावती ने ट्विटर पर कहा कि राज्य सरकार नए मंत्रियों को कैबिनेट में लाकर जाति के आधार पर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, ''बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है। बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते, क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी।''

उन्‍होंने कहा, ''जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह।''

इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने गन्ने के दामों को बढ़ाने को लेकर भी सरकार पर तंज कसा। उन्‍होंने कहा, ''.यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया, जिस उपेक्षा की ओर 7 सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है, जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है।''

मायावती ने केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।''

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपनी परिषद में कांग्रेस के पूर्व नेता जितिन प्रसाद सहित सात नए मंत्रियों को शामिल किया, जो इस साल जून में भाजपा में शामिल हो गए थे। पलटू राम, छत्रपाल सिंह गंगवार, संगीता बलवंत, धर्मवीर सिंह, संजीव कुमार और दिनेश खटीक को भी यूपी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

नए मंत्रियों के शामिल होने से राज्य में अधिकतम 60 मंत्री होने की संवैधानिक सीमा समाप्त हो गई है। 2019 के बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद का यह दूसरा विस्तार है।

सात नए मंत्रियों में केवल जितिन प्रसाद ब्राह्मण समुदाय से हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रसाद को मंत्रिमंडल में नवीनतम ब्राह्मण मंत्री के रूप में शामिल करना राज्य में समुदाय को लुभाने के भाजपा के प्रयासों का एक हिस्सा है। वर्तमान कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, राम नरेश अग्निहोत्री, सतीश चंद्र सहित कई ब्राह्मण नेता हैं।

MoS संजीव कुमार उत्तर प्रदेश में एकमात्र अनुसूचित जनजाति (ST) विधायक हैं जो सोनभद्र जिले से ओबरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। छत्रपाल सिंह गंगवार (कुर्मी), संगीता बलवंत (बिंद) और धर्मवीर सिंह (प्रजापति) पिछड़ी जातियों से हैं। मंत्री पल्टू राम और दिनेश खटीक अनुसूचित जाति (एससी) के हैं।