इस्लामी मुल्क लीबिया 6 महीने से कैद थे 17 भारतीय युवक, भारत लौटते ही छलके आंसू
नई दिल्ली: इस्लामी मुल्क लीबिया की त्रिपोली जेल से रिहा हुए 17 भारतीय युवक रविवार रात दिल्ली पहुंचे। भारतीय युवकों का यह समूह कई महीनों तक लीबिया में बेईमान ट्रैवल एजेंटों का शिकार बना रहा, जिन्होंने उन्हें आकर्षक नौकरियों के लिए इटली भेजने के बहाने ठगा था।
सामने आए एक वीडियो में, लोगों को दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद अपने परिवार के सदस्यों को गले लगाते हुए रोते देखा जा सकता है। पंजाब से राज्यसभा में संसद सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी, जिन्होंने कथित तौर पर उनकी रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने कहा कि इन युवाओं ने बेईमान ट्रैवल एजेंटों को लाखों रुपये का भुगतान किया जिन्होंने उन्हें इटली में आकर्षक नौकरी देने का वादा किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'अकालपुरख वाहेगुरु जी के आशीर्वाद से हमने पंजाब और हरियाणा के 17 युवाओं को लीबिया में मौत की फांसी से सफलतापूर्वक निकालने का काम किया, जहां बेईमान एजेंटों ने प्रत्येक से 13 लाख लेने के बाद उन्हें धोखा दिया।'
इससे पहले एक बयान में साहनी ने कहा था कि, 'वे सभी फरवरी 2023 में दुबई और मिस्र के रास्ते भारत से इटली के लिए रवाना हुए। कुछ दिनों के बाद, वे लीबिया में उतरे और ज़ुवारा शहर में रहे, जहां उन्हें भोजन-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा था और उन्हें शारीरिक हमलों का भी सामना करना पड़ा। बता दें कि, इस साल मई में इन युवाओं के बारे में जानने के बाद साहनी ने ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से संपर्क किया और उनके बचाव के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने कहा कि, 'मेरा कार्यालय इन लड़कों और उनके परिवारों के साथ लगातार संपर्क में था।